हेल्लो दोस्तों! और कैसे हो आप लोग? मैं आज आपसे कुछ अटपटी सी पर एक सच्ची बात बताना चाहता हूं। दरसल मैं आपके मोटिवेशनल गुरू जो आपको क्या बताते हैं और आपको किस तरह से बेवकूफ बनाते हैं के बारे में बताना चाहता हूं। क्या हुआ? सुनकर थोड़ा अजीब लगा। चलो कोई नहीं में आगे इस बारे में स्पष्ट करता हूं।
मोटिवेशनल विडियो
आप रोज ही मोटिवेशन के लिए यूट्यूब, फेसबुक पर मोटिवेशनल विडियो तो जरुर देखते होंगे। मैंने भी ये चीज़ बहुत करी है, बहुत विडियो देखी है। रोज खुद को कमजोर महसूस करो और इनकी विडियो देखो और मोटिवेट हो जाओ और अपने काम में फिर से लग जाओ। दुनिया क्या कहती है भूल जाओ, दुनिया आपको गिरायगी, तुमको फिर उठना है तुमको गिरना नहीं है, एक दिन तुम सफल हो जाओगे और दुनिया तुम्हारे साथ होगी और दुनिया तुम्हे देखती रहे जायेगी। वाओ! क्या मजेदार मोटिवेशन है न, कि जब आप लोग सफल हो जाओगे तो दुनिया आपकी मुट्ठी में होगी और आप अमीर हो जाओगे। कितना अच्छा लगा न पढ़कर! ऐसा लग रहा होगा यही तो चाहिए बस और यही मेरी ज़िन्दगी का लक्ष्य है अगर ज़िन्दगी में लक्ष्य नहीं तो जिंदगी बेकार है। ऐसे विचार तो जरुर आते होंगे आपके मन में। और फिर आप दो दिन बाद फिर कमजोर महसूस करते हो और फिर इन मोटिवेशनल विडियो या मोटिवेशनल कोट्स की शरण में आते हो और फिर मोटिवेट होते हो फिर अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लग जाते हो। और ये सिलसला चलता ही रहता है। ऐसा नहीं है कि आपने ही ऐसा करा है, मैंने भी ऐसा करा है।
सफलता का लालच
सफलता का लालच
लेकिन यहाँ पर कुछ तो गड़बड़ है कि आखिर कुछ समय बाद आपका मोटिवेशन कहाँ चला जाता है और फिर से बुरा महसूस करने लगते हो। कभी आपने इस बारे में सोचा कि ऐसा क्यूँ होता है? नहीं, तो मै बता देता हूं ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि आपके मोटिवेशनल गुरू आपको आपकी वास्तविकता से दूर कर देते हैं, वो बस वहीँ कहते हैं जो आपको अच्छा लगे, क्यूंकि अगर आपको अच्छा नहीं लगेगा तो आप उनके पास दुबारा क्यूँ जाओगे। ये बस हमें एक सफलता का लालच देते रहते हैं कि सफल होने के बाद आप बहुत अमीर, दुनिया को मुट्ठी में करने वाले बन जाओगे और आपको बहुत शान के साथ जिंदगी बिताओगे और सुनकर आप भी खुश हो जाते हो। इस तरह से वो आपको कई तरह से लालच देकर अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं। चलो इसे एक उदहारण के साथ समझते हैं जब आप छोटे थे और आपके पापा को आपसे कोई काम करवाना होता था और आप मना करने लगते थे, तब आपके पापा आपको कुछ पैसे देते थे ताकि आप उनका वो काम करो और आप पैसो के लालच में आकर वो काम कर देते थे। इसी तरह से हमारे मोटिवेशनल गुरू हमे सफलता, अमीरी, दुनिया को मुठी में करने का लालच देते रहते हैं। और ये लालच कुछ समय बाद जब खत्म हो जाता है और आपको फिर से इनके मोटिवेशन की जरुरत पढ़ती है और आप फिर से इस लालच को पूरा करने के लिए फिर से मोटिवेशनल विडियो देखते हैं या मोटिवेशनल कोट्स पढ़ते हैं। और यह कहने की जरुरत तो नहीं होगी कि इन्टरनेट पर डिजिटल मार्केटिंग कैसे होती है और इसके द्वारा पैसे कैसे कमाए जाते हैं, उदहारण के तौर पर आप Ads के विज्ञापन को तो देखा ही होगा। आप बस उनका एक डिजिटल मार्किट का जरिया बन जाते हो। एक नार्मल सी बात को बड़ा चढ़ाकर कैसे बताना है इनको काफी अच्छी तरह आता है और आप अभी तक कुछ भी नहीं हैं इसे साबित करने के लिए इनके पास हमेशा एक एक्जाम्प्ल होता है। जैसे 'रिस्क' का विषय ही ले लो, ये इस टॉपिक को इस तरह आपको बताएँगे कि 'रिस्क लेना' कभी लाइफ का पार्ट ही नहीं था, बस आप कुछ ज्यादा ही स्पेशल हो या आप ही हो जो ऐसा पहली बार कर रहे हो या आपसे पहले कभी किसी ने ऐसा किया ही नहीं है। जबकि सच्चाई तो यह है कि रिस्क लेना एक नार्मल सी बात है हर कोई अपनी रोजमरहा की जिंदगी में रिस्क लेता रहता है। रिस्क हमारी लाइफ का ही एक नार्मल सा पार्ट है। आपको बस एक काल्पनिक लक्ष्य का पीछा करने के लिए छोड़ दिया जाता है जो लक्ष्य आपका कभी था ही नहीं। जैसे आपका सपना था कि आप बड़े होकर आप डॉक्टर, साइंटिस्ट या कुछ भी बनना चाहते थे, पर अब आप कुछ और ही कर रहें हैं क्यूंकि अब आपने अपना लक्ष्य बस पैसा कमाना और बहुत सारा पैसा कमाना बना रखा है। अब आपका एक काल्पनिक लक्ष्य बहुत अमीर बनना हो गया है जो कभी आपका लक्ष्य था ही नहीं। लेकिन अब आप इसी अपने काल्पनिक लक्ष्य को पाने करने के लिए भाग रहे हो।
हम क्या हैं? कौन हैं? इस तरह की हमारी वास्तविकता से हमको दूर कर दिया जाता है और आपको सफलता का लालच दे कर बस अपना मतलब निकाला जाता है। असली मोटिवेशन आपके अन्दर होता है बाहर नहीं। जो सब कर रहें हैं उसे छोड़कर, वो करो जो आप करना चाहते हैं वो करें जो आपको पसंद है, आप जो हैं वो बने कोई और बनने की कोशिश न करें, आप खुद ही खुद मोटीवेट होते रहेंगे, नहीं तो आप जिंदगी भर मोटिवेशन की तलाश में भागते रहोगे और कभी मोटीवेट नहीं हो पायेंगे।
अगर आपको मेरी बात समझ में आती है या नहीं आती तो जाओ देखो विडियो, जितनी मर्ज़ी हो देखो, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर कभी आपको लगे कि मेरी बात में थोड़ी बहुत भी सच्चाई है तो मुझे कमेन्ट करके जरुर बताना।
मुझे कुछ और भी कहना है कि आप लोग मेरे ब्लॉग को पढ़ते हैं और अगर आपको मेरा ब्लॉग अच्छा लगता है तो इसे किसी भी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर पर शेयर कर दिया करो ताकि आपके जरिये ही किसी और स्टूडेंट की मदद हो सके और वो समाज की वास्तविकता से नहीं खुद की वास्तविकता से परिचित हो सके।
धन्यवाद!
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