हेल्लो दोस्तों! अगर आप मेरा ये ब्लॉग पढ़ रहें हैं तो यकीनन आप कुछ नया जानने में रूचि रखते हैं और मैं आपको कुछ नयी बातों के मगर जररुरी बातों के बारे बताऊंगा, हाँ अगर आप यूँ ही अपनी घिसी पिटी ज़िन्दगी जिसे आप 'कूल' कहना पसंद करते हो पसंद है तो आप मेरा ब्लॉग को पढना यहीं रोक सकते हो। बाकी बचे लोग जो पढ़ना चाहते हैं उनके लिए धन्यवाद।
फेसबुक का सोशल मीडिया
मैं अब अपनी बात शुरु करता हूँ। क्या आप फेसबुक इस्तेमाल करते हैं तो आप मेरी बात को अच्छी तरह समझ पायेंगे। आजकल सोशल मीडिया हमारे समाज पर पूरी तरह से हावी हो रहा है। हम यहाँ फेसबुक जैसे प्लेटफार्म का ही उदाहरण ले लेते हैं, यहाँ पर हर कोई बताना चाहता है कि "देखो मेरी जिंदगी तुम्हारी जिंदगी से कूल है"। अगर आप पाँच मिनट के लिए अकेलापन महसूस करके सोशल मीडिया पर जाएँ, तो इतने में आप बिलकुल खुश और शानदार जिंदगी जी रहे लोगो की फोटो तले दब जायेंगे। आपको ऐसा लगेगा कि हर कोई शानदार जिंदगी जी रहा है, किसी बच्चे ने कोई एप्प बनाकर दो बिलियन डॉलर कमा लिए, किसी सोलह साल की लड़की को टी.वी. के किसी प्रोग्राम में कार गिफ्ट में मिली, इस सप्ताह में लगभग आठ लोगो ने शादी की और आप यहाँ बैठे हुए अपने पालतू जानवर को सहलाह रहें हैं ये सब देखकर न चाहते हुए भी आप सौचने लगते हैं कि आपकी जिंदगी कितनी बेकार और बेमजा है और सच में मानने लगेंगे किआप में ही कुछ कमी है और मन का चक्र ऐसे में आपको ज्यादा तनाव, ज्यादा बैचैनी, ज्यादा बोझ दे जाता है। इस भाव ने एक पूरी पीढ़ी को प्रवाभित किया है और हर किसी को यही लगता है कि सारी समस्याएँ बस उसके पास है बाकी सब मजे में जिंदगी जी रहें हैं। इस तरह से सोशल मीडिया हमारे मानसिक भावों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डाल रहा। अगर आपको मेरी बात गलत लगे तो कभी शांत बैठकर इस पर विचार करें कि में गलत तो नहीं कह रहा, बाकी तो आप लोग समझदार ही हैं अपना सही गलत खुद समझ सकते हैं।
मैं अब अपनी बात शुरु करता हूँ। क्या आप फेसबुक इस्तेमाल करते हैं तो आप मेरी बात को अच्छी तरह समझ पायेंगे। आजकल सोशल मीडिया हमारे समाज पर पूरी तरह से हावी हो रहा है। हम यहाँ फेसबुक जैसे प्लेटफार्म का ही उदाहरण ले लेते हैं, यहाँ पर हर कोई बताना चाहता है कि "देखो मेरी जिंदगी तुम्हारी जिंदगी से कूल है"। अगर आप पाँच मिनट के लिए अकेलापन महसूस करके सोशल मीडिया पर जाएँ, तो इतने में आप बिलकुल खुश और शानदार जिंदगी जी रहे लोगो की फोटो तले दब जायेंगे। आपको ऐसा लगेगा कि हर कोई शानदार जिंदगी जी रहा है, किसी बच्चे ने कोई एप्प बनाकर दो बिलियन डॉलर कमा लिए, किसी सोलह साल की लड़की को टी.वी. के किसी प्रोग्राम में कार गिफ्ट में मिली, इस सप्ताह में लगभग आठ लोगो ने शादी की और आप यहाँ बैठे हुए अपने पालतू जानवर को सहलाह रहें हैं ये सब देखकर न चाहते हुए भी आप सौचने लगते हैं कि आपकी जिंदगी कितनी बेकार और बेमजा है और सच में मानने लगेंगे किआप में ही कुछ कमी है और मन का चक्र ऐसे में आपको ज्यादा तनाव, ज्यादा बैचैनी, ज्यादा बोझ दे जाता है। इस भाव ने एक पूरी पीढ़ी को प्रवाभित किया है और हर किसी को यही लगता है कि सारी समस्याएँ बस उसके पास है बाकी सब मजे में जिंदगी जी रहें हैं। इस तरह से सोशल मीडिया हमारे मानसिक भावों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डाल रहा। अगर आपको मेरी बात गलत लगे तो कभी शांत बैठकर इस पर विचार करें कि में गलत तो नहीं कह रहा, बाकी तो आप लोग समझदार ही हैं अपना सही गलत खुद समझ सकते हैं।
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