हेल्लो दोस्तों! कैसे हो सब मजे में तो हो ,अगर नहीं तो शायद मेरा ये ब्लॉग आपके लिए काफी मददगार हो सकता है, यकीन नहीं है तो आगे खुद पढ़ के देख सकते हो।
आज में आपको जिन्दगी के एक नए पहलु के बारे में बता रहा हूँ मुझे लगता है आप इस पहलु से जरुर गुजरे होंगे या हो सकता है गुजर भी रहें हों क्यूंकि मैं भी अक्सर इससे गुजरता रहता हूँ।
जीवन का लोड
दरसल मैं आपको जिंदगी के लोड या भार आप कुछ भी कह सकते हो जैसा आपको अच्छा लगे, हम अपनी रोजमर्हा की जिन्दगी में अक्सर हर बात का लोड लिए घूमते रहते हैं, हर उस छोटी से छोटी बात का लोड जिससे कि हमारी जिंदगी पर बिलकुल भी फर्क नहीं पड़ता या वो बात वास्तव में कोई मायने नहीं रखती, फिर भी हम इस तरह की बातों का अपनी जिंदगी में लोड लिए हुए अक्सर घूमते रहते है, नहीं समझ में आया कि मैं क्या कह रहा हूँ तो मैं आपको इस तरह समझाने की कोशिश करता हूँ, शायद आप भी अक्सर कभी न कभी सड़क पर होने वाले ट्रैफिक से गुजरे होंगे तो आपने जरुर कुछ झगड़ो को जरुर देखा होगा और शायद कभी आप भी झगडा हुआ हो एक छोटी सी ही बात पर कि उसने मुझसे ऐसे बात क्यूँ करी या उसने मुझे गलत कैसे बोल दिया या मेरी कार पर उस लड़के ने मेरी कार पर अपनी बाइक निकालते हुए खरोंच कैसे डाल दिया मैं तो अब इसे बिलकुल नहीं छोडूंगा या एक और उदहारण लेता हूँ, आप अपने ऑफिस थोड़ा लेट हो जाते हैं और आपका बॉस पहले से गुस्सा था किसी बात पर, और आपके आते ही वो आपको कुछ सुना देता है और फिर आप गुस्से में आ जाते हो कि अब में यहाँ काम करने वाला नहीं बॉस ने मुझे ऐसे कैसे बोल दिया मैं आज ही काम छोड़ दूंगा या आपने किसी को प्रोपोस किया हो और उसने आपको 'न' कह दिया हो तब तो आप पूरा आसमान सर पर उठा लेंगे कि उसने 'न' कैसे बोल दिया, का लोड ले लेते हैं इस बीच, भले ही कोई हमारा रिलेटिव हॉस्पिटल में हो जिससे मिलने जाना था, या भले ही हमारे क्रेडिट कार्ड की लिमिट खत्म हो रही हो या बेटे के पेट में दर्द हो रहा हो, लेकिन फिर भी हमारी मुख्य परेशानी तो वो बाइक वाला या बॉस हैं इस तरह ही हम बहुत सी छोटी छोटी बात का अपने सर पर लोड लिए घूमते रहते हैं हालाँकि इतने लोड की जररूत नहीं होती सच मैं बिलकुल भी नहीं, और अगर आप यूँ ही हर बात का लोड लेते रहेंगे, बिना सोचे समझे तो यकीन मानिए एक दिन आप ही किसी एम्बुलेंस में 'लोड' हो जायेंगे। भले ही आपने महसूस किया हो या नहीं, लेकिन आप हमेशा लोड लेने के बहाने ढूंढ़ते रहते हैं जैसे-जैसे हम बड़े होने लगते हैं, तो अनुभव के फायदे के साथ, हम ध्यान देने लगते हैं कि उनमे से बहुत-सी चीज़ें लम्बे समय तक हमारी जिंदगी पर असर नहीं करती, जिन लोगों की बातों को हम दिल से लगा लेते थे, वे तो अब हमारी जिंदगी में है भी नहीं , जिस 'इंकार' ने कभी हमे बहुत तकलीफ दी थी, वह वास्तव में हमारे लिए अच्छा रहा।
दरसल मैं आपको जिंदगी के लोड या भार आप कुछ भी कह सकते हो जैसा आपको अच्छा लगे, हम अपनी रोजमर्हा की जिन्दगी में अक्सर हर बात का लोड लिए घूमते रहते हैं, हर उस छोटी से छोटी बात का लोड जिससे कि हमारी जिंदगी पर बिलकुल भी फर्क नहीं पड़ता या वो बात वास्तव में कोई मायने नहीं रखती, फिर भी हम इस तरह की बातों का अपनी जिंदगी में लोड लिए हुए अक्सर घूमते रहते है, नहीं समझ में आया कि मैं क्या कह रहा हूँ तो मैं आपको इस तरह समझाने की कोशिश करता हूँ, शायद आप भी अक्सर कभी न कभी सड़क पर होने वाले ट्रैफिक से गुजरे होंगे तो आपने जरुर कुछ झगड़ो को जरुर देखा होगा और शायद कभी आप भी झगडा हुआ हो एक छोटी सी ही बात पर कि उसने मुझसे ऐसे बात क्यूँ करी या उसने मुझे गलत कैसे बोल दिया या मेरी कार पर उस लड़के ने मेरी कार पर अपनी बाइक निकालते हुए खरोंच कैसे डाल दिया मैं तो अब इसे बिलकुल नहीं छोडूंगा या एक और उदहारण लेता हूँ, आप अपने ऑफिस थोड़ा लेट हो जाते हैं और आपका बॉस पहले से गुस्सा था किसी बात पर, और आपके आते ही वो आपको कुछ सुना देता है और फिर आप गुस्से में आ जाते हो कि अब में यहाँ काम करने वाला नहीं बॉस ने मुझे ऐसे कैसे बोल दिया मैं आज ही काम छोड़ दूंगा या आपने किसी को प्रोपोस किया हो और उसने आपको 'न' कह दिया हो तब तो आप पूरा आसमान सर पर उठा लेंगे कि उसने 'न' कैसे बोल दिया, का लोड ले लेते हैं इस बीच, भले ही कोई हमारा रिलेटिव हॉस्पिटल में हो जिससे मिलने जाना था, या भले ही हमारे क्रेडिट कार्ड की लिमिट खत्म हो रही हो या बेटे के पेट में दर्द हो रहा हो, लेकिन फिर भी हमारी मुख्य परेशानी तो वो बाइक वाला या बॉस हैं इस तरह ही हम बहुत सी छोटी छोटी बात का अपने सर पर लोड लिए घूमते रहते हैं हालाँकि इतने लोड की जररूत नहीं होती सच मैं बिलकुल भी नहीं, और अगर आप यूँ ही हर बात का लोड लेते रहेंगे, बिना सोचे समझे तो यकीन मानिए एक दिन आप ही किसी एम्बुलेंस में 'लोड' हो जायेंगे। भले ही आपने महसूस किया हो या नहीं, लेकिन आप हमेशा लोड लेने के बहाने ढूंढ़ते रहते हैं जैसे-जैसे हम बड़े होने लगते हैं, तो अनुभव के फायदे के साथ, हम ध्यान देने लगते हैं कि उनमे से बहुत-सी चीज़ें लम्बे समय तक हमारी जिंदगी पर असर नहीं करती, जिन लोगों की बातों को हम दिल से लगा लेते थे, वे तो अब हमारी जिंदगी में है भी नहीं , जिस 'इंकार' ने कभी हमे बहुत तकलीफ दी थी, वह वास्तव में हमारे लिए अच्छा रहा।
अपनी प्राथमिकताएं तय करें
अब शायद आपको समझ आ गया होगा कि मैं क्या समझाना चाहता हूँ भले ही मेरी बात आपको अजीब लगे, लेकिन मैं आपको अपना फोकस बढाने और प्राथमिकता तय करने के बारे में बताना चाहता हूँ। आपको ये तय करना होगा कि क्या चीज़े आपके लिए मायने रखती हैं और क्या आपने बस अपनी कल्पना में जरुरी बना रखी हैं। जब आप लोड नहीं लेने की ठान लेते हैं तो आपको हर समय एक शान्ति का एहसास होता है, ऐसी शान्ति जो हर तूफ़ान को झेल सकती है, आप ऐसा इंसान बनने को प्रेरित होते हैं जो किसी चीज़ से परेशान नहीं होता और किसी से नहीं छिपता।
जिन्दगी का एक सच यह भी है कि आप बिना लोड के रह नहीं सकते। आपको कुछ चीज़ों का लोड तो लेना चाहिए ये हमारी बायोलॉजी का ही हिस्सा है कि हम हर समय किसी न किसी चीज़ की फ़िक्र करते रहें। मैं आपको यह नहीं कह रहा कि आप बेपरवाह हो जाओ बल्कि मैं ये कहना चाहता हूँ कि अपने लक्ष्य के बीच आने वाली समस्याओं का लोड नहीं लेना चाहिये, आपको वो करना है जो आपको सही लगता है, आपको कुछ लोगो के चिढ जाने की परवाह नहीं करनी चाहिए जब आप 'लोड' लेना छोड़ देते हैं, तभी सब चीज़े लाइन पर आती दिखाई देने लगती हैं।शायद आपकी जिंदगी में भी कोई ऐसा पल रहा होगा, जब आप बस 'कूल' रहे लोड नहीं लिया और कोई उपलब्धि पा ली हो। लोड लिए बिना हम अपनी जिंदगी की सबसे ज्यादा भयानक और मुश्किल चुनोतियों को सीधा आँख से आँख मिलाकर देखते हैं और फिर कोई कदम उठाते हैं। जो लोग कठिनाईयों, असफलता या खुद के शर्मिंदा होने का लोड नहीं लेते, वही लोग वास्तव में हँसते हैं और अपनी मर्जी की चीजें करते हैं क्यूंकि वे जानते हैं कि यही सही है।
मुझे लगता है आप अब मेरी बात को पूरी तरह से समझ चुके होंगे और किस बात या किस चीज़ का लोड नहीं लेना है जान चुके होंगे।
मेरे ब्लॉग पढने के लिए धन्यवाद!
कमेंट, शेयर, टैग फेसबुक पर
Click here to read in English
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कमेंट लिए धन्यवाद