हेल्लो दोस्तों! और कैसे हो आप लोग? मैं आज आपसे कुछ अटपटी सी पर एक सच्ची बात बताना चाहता हूं। दरसल मैं आपके मोटिवेशनल गुरू जो आपको क्या बताते हैं और आपको किस तरह से बेवकूफ बनाते हैं के बारे में बताना चाहता हूं। क्या हुआ? सुनकर थोड़ा अजीब लगा। चलो कोई नहीं में आगे इस बारे में स्पष्ट करता हूं। मोटिवेशनल विडियो आप रोज ही मोटिवेशन के लिए यूट्यूब , फेसबुक पर मोटिवेशनल विडियो तो जरुर देखते होंगे। मैंने भी ये चीज़ बहुत करी है, बहुत विडियो देखी है। रोज खुद को कमजोर महसूस करो और इनकी विडियो देखो और मोटिवेट हो जाओ और अपने काम में फिर से लग जाओ। दुनिया क्या कहती है भूल जाओ, दुनिया आपको गिरायगी, तुमको फिर उठना है तुमको गिरना नहीं है, एक दिन तुम सफल हो जाओगे और दुनिया तुम्हारे साथ होगी और दुनिया तुम्हे देखती रहे जायेगी। वाओ! क्या मजेदार मोटिवेशन है न, कि जब आप लोग सफल हो जाओगे तो दुनिया आपकी मुट्ठी में होगी और आप अमीर हो जाओगे। कितना अच्छा लगा न पढ़कर! ऐसा लग रहा होगा यही तो चाहिए बस और यही मेरी ज़िन्दगी का लक्ष्य है अगर ज़िन्दगी में लक्ष्य नहीं तो जिंदगी बेकार है। ऐसे विचार तो जरुर आते होंगे आपके ...
हेल्लो दोस्तों! इस पोस्ट का टाइटल पढ़ के हो सकता है कि आप को अटपटा से महसूस हो रहा हो मगर ये पोस्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैंने अभी जल्दी में यह बुक पढ़ी और मुझे लगा कि इस बुक के बारे में जरुरी बातों को आपके साथ शेयर करना चाहिये, ये बुक हमारी जिन्दगी के कुछ रेग्रेट्स के बारे में बताती है। जिनके बारे में हमें जानना जरुरी है। चलिए मैं अब शुरु करता हूँ। यह बुक एक ऑस्ट्रलियन नर्स “ ब्रॉनी वेयर ” के जीवन अनुभवों पर लिखी उनकी ही किताब “टॉप 5 रेग्रेट्स ऑफ़ दा डाईंग” (अंतिम समय के 5 सबसे बड़े पछतावे) के हिंदी सारांश को प्रस्तुत करती है। ब्रॉनी वेयर ने कई सालों तक हॉस्पिटल के उस हिस्से में काम किया था जहां उन मरीजों को रखा जाता है जिनके जीवित रहने की संभावना 12 सप्ताह यानिकी 3 महीने से भी कम ही हो। ब्रॉनी वेयर ने मरते हुए मरीजों के अंतिम क्षणों के अनुभवों को अपने एक ब्लॉग में लिखना शुरू किया और पाया कि अंतिम वक्त लोग अक्सर तरह-तरह के पछतावे के साथ अपने शरीर को त्यागते हैं। ब्रॉनी वेयर ने बहुत ही सुंदर तरीके से लिखा है कि लोग अंत समय में जीवन के मत्वपूर्ण पहलुओं और मकसद को गहराई से समझते हैं और फिर ...